वशीकरण
मंत्र
सबसे पहला मंत्र
मोहन और सम्मोहन के सबसे बड़े देवता अर्थात् श्रीकृष्ण का है. मंत्र
है-
ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
अगर आप किसी व्यक्ति को ध्यान में रखकर और सकंल्प के साथ कहते हैं कि
- हे प्रभु! आपकी कृपा से यह व्यक्ति मेरे वश में हो जाये क्योंकि
मुझे स्वयं को सही साबित करने का और कोई साधन नही है. ऐसा संकल्प लेकर
भगवान श्रीकृष्ण के संमुख कहेंगे तो निश्चित ही आपको लाभ मिलेगा. जिस
किसी व्यक्ति को सम्मोहित करना चाहते हैं, अपनी तरफ़ करना चाहते हैं
हो जायेगा.
दूसरा मंत्र
भगवान नारायण का है-
ॐ नमो नारायणाय सर्व लोकन मम वश्य कुरु कुरु स्वहा.
अर्थात् हे प्रभु नारायण आपकी कृपा से सर्वलोक को वशीकरण करने की
शक्ति मुझमे आ जाये. (सर्वलोक की जगह उस व्यक्ति का भी नाम लिया जा
सकता है जिसे सम्मोहित करना हो) वह अवश्य आपके प्रति आकर्षित
होगा.
तीसरा मंत्र
दुर्गासप्तशती से है-
ज्ञानि न मपि चेतान्शी देवी भग्वति हिसा ग्रहा बलादा कृष्य मोहाय
महामाया प्रयक्षति.
इस अत्यधिक चमत्कारिक मंत्र का 40 दिन तक नियमित रुप से 108 बार जाप
करना है. यह मंत्र इतना प्रभावशाली है कि इसका जाप होते ही कितना भी
ज्ञानी, विद्वान व्यक्ति क्यों न हो आपके नियंत्रण में आ
जायेगा.
चौथा
भी एक प्रयोग ही है. इसके लिये -
कही भी जाते समय मोर की कलगी पीले रेशमी वस्त्र में बाँधकर अपने साथ
रख लें.
इससे सम्मोहन और आकर्षण की शक्ति बढ़ती है. अथवा
श्वेत अपामार्ग की जड़ को घिसकर माथे पर तिलक लगायें.
इससे भी आपके अन्दर जो सम्मोहन की शक्ति है, उसमे निरन्तर वृद्धि होती
है.
पांचवा एक
प्रयोग है जिसको करने से केवल एक व्यक्ति ही नही पूरी-पूरी सभा को
सम्मोहित किया जा सकता है. इसके लिये आपको करना यह है
कि-
तुलसी के चूर्ण में सहदेई के रस को मिलाकर माथे पर तिलक करें.
यदि ऐसा तिलक करके आप किसी सभा अथवा पार्टी में जाते हैं तो सभी आपसे
इम्प्रेस रहेंगे. यदि आप किसी एक व्यक्ति को ही आकर्षित करना चाहते
हैं तो भी उसके संमुख यही टीका लगाकर जायें. वह अवश्य आपके नियंत्रण
में आ जायेगा.